अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें? Health Kaise banaye

Health Kaise banaye :आज कम उम्र से ही व्यक्ति कई बीमारियों से घिर जाता है। जैसे कब्ज़, गैस, कमर दर्द, त्वचा के रोग, रक्त चाप, दांत संबंधी रोग…. ये कुछ एसी बीमारियां हैं जिनसे दुनिया का लगभग हर दूसरा व्यक्ति हैरान-परेशान है। जिसे पेट की कोई भी समस्या न हो ऐसा व्यक्ति तो दिन के उजाले में भी ढंूढना मुश्किल जान पड़ता है। वास्तविकता यही है कि आधुनिक जीवनशैली पर चलने वाला हर एक व्यक्ति आज किसी न किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।  इन सामान्य दिखने वाली बेहद घातक बीमारियों से बचने के लिए आप के सामने प्रस्तुत हैं दादी माँ के कुछ नुस्खे जो कि 100 फीसदी कारगर तो हैं ही साथ ही इनका कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। आज हम जानेंगे एक बेहद कॉमन और बेरहम बीमारी कमर दर्द  के बारे में। देखते हैं कि कमरदर्द से निजात पाने के लिये हमारी अनुभवी दादी अपने अनुभवों के कीमती खजाने से क्या अचूक उपाय बताती है…

कमर दर्द 

1. अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है।

2. जहाँ दर्द होता होता है हो वहाँ 5 मिनट तक गरम सेंक, और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है।

3. सुबह सूर्योदय के समय 2-3 मील लंबी सैर पर जाने वालों को कमर दर्द की शिकायत कभी नहीं होगी।

बहरापन:

एक चुटकी असली हींग , स्त्री के दूध में घिस कर , कान में डालने से बहरापन दूर होता है आक के पीले पत्ते , जिनमें छेद न हो , आग पर गरम कर के , उन्हें मसल कर रस निकालें और इस रस को कान में दो – दो बूंद डालने से बहरेपन और कर्णस्राव में भी आराम मिलता है . मूली का रस , शहद , सरसों का तेल , बराबर मात्रा में मिला कर , दो – तीन बूंद कान में सुबह – शाम डालने से बहरेपन में आराम आता है .

कर्णपीड़ा के उपाय :

तुलसी के पत्तों का रस गुनगुना कर दो – दो बूंद प्रातः – सायं डालने से कान के दर्द में राहत मिलती है और बहरापन भी ठीक होता है .

अदरक के रस में नमक एवं शहद मिला कर , गुनगुना कर , कानों में डालने से कान के दर्द में आराम आता है .

प्याज का गुनगुना रस कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है . इससे बहरेपन एवं कर्णस्राव में भी लाभ होता है .

कर्णस्राव ( कान बहने ) के उपाय :

कान को साफ कर दो – दो बूंद स्पिरिट तीन चार दिन कान में डालने से कान का बहना ठीक होता है . सरसों का तेल एवं रतनजोत 10 ः 1 अनुपात में मिला कर पका कर कान में डालने से कर्णस्राव में आराम होता है . यह कान के दर्द एवं बहरेपन में भी लाभकारी है . स्त्री के दूध में रसौत एवं शहद मिला कर कान में डालने से कर्णस्राव स्थाई रूप से रुक जाता है . दो – दो बूंद चूने के पानी को कान में डालने से बच्चों के कर्णस्राव में आराम मिलता है .

गुर्दे का दर्द:

तुलसी की पत्ते तुलसी के पत्ते (छाया में सुखाई हुई) — 20 ग्राम

अजवायन अजमोद (साफ की हुई) —- 20 ग्राम

सेंधा नमक सेंधा नमक — 10 ग्राम

तीनों को पीस कर चूर्ण बना कर रख लें . जरुरत होने पर चूर्ण 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी से सुबह शाम लें . एक ही मात्रा लेने से गुर्दे के दर्द में राहत मिल जाएगी .

विशेष : –नज़ला सर्दी , जुकाम जुकाम , खांसी , खांसी , पेट – दर्द अफारा पेट दर्द , बदहजमी अपच , खट्टे डकार खट्टे डकार, कब्ज कब्ज , उल्टियों के लिए भी उल्टी रामबाण हैं

निष्कर्ष

स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना प्रत्येक व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए सबसे ज़रूरी है कि हम संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियाँ, अनाज और प्रोटीन शामिल हों। साथ ही जंक फूड, अधिक तेल, नमक और चीनी से परहेज़ करना चाहिए। रोज़ाना व्यायाम करना जैसे कि योग, चलना या हल्की दौड़ लगाना, शरीर को सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखता है। पर्याप्त नींद लेना भी ज़रूरी है क्योंकि इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों को आराम मिलता है। तनाव को कम करने के लिए ध्यान, प्राणायाम या मनपसंद गतिविधियों को अपनाना चाहिए। दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी शरीर की सभी क्रियाओं के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहना और नशे से दूर रहना भी अच्छे स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। अंत में, सकारात्मक सोच और अच्छे रिश्ते मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को मजबूत बनाते हैं। यदि हम इन आदतों को अपने जीवन में शामिल करें, तो एक स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल जीवन जी सक

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