महत्वपूर्ण व्यायाम और वजन घटाने के उपाय:Burns belly fat

Burns belly fat:आज की तेज़ भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी में जहां फिटनेस का मतलब सिर्फ जिम, प्रोटीन शेक और फैंसी डाइट बन गया है, वहीं हम अक्सर उन आसान और पुराने तरीकों को भूल जाते हैं जो बिना किसी खर्च के हमें सेहतमंद बना सकते हैं। योग में शामिल कुछ सरल प्राणायाम जैसे कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम न केवल शरीर को अंदर से साफ़ करते हैं, बल्कि तनाव कम करते हैं, ध्यान बढ़ाते हैं और मोटापा घटाने में भी असरदार हैं। कपालभाति पेट की चर्बी को कम करने में बेहद मददगार है, वहीं त्वचा को निखारता और पाचन को बेहतर बनाता है। भस्त्रिका शरीर में नई ऊर्जा भर देता है और ऑक्सीजन का संचार बढ़ाता है, हालांकि इसे दिल या फेफड़ों की समस्या वाले लोग न करें। अनुलोम-विलोम बेहद शांतिपूर्ण प्राणायाम है जो शरीर की नसों को साफ़ कर मानसिक संतुलन देता है, और हर उम्र का व्यक्ति इसे कर सकता है।

इसके साथ अगर आप रोज़ सुबह सूर्य नमस्कार के कुछ राउंड कर लें तो आपका शरीर प्राकृतिक रूप से टोन होने लगेगा। ये 12 आसान योग मुद्राएं शरीर को लचीलापन देने के साथ-साथ फैट भी घटाती हैं। अब अगर आप इसमें थोड़ी कार्डियो एक्सरसाइज जैसे रोज़ाना तेज़ चलना, हल्की जॉगिंग या एक्सरसाइज बॉल से पेट की एक्सरसाइज जोड़ लें, तो फर्क और भी जल्दी दिखने लगेगा। सिर्फ 30 मिनट की वॉक भी कुछ ही हफ्तों में पेट की चर्बी कम कर सकती है।

महत्वपूर्ण व्यायाम:

कपालभाती प्राणायाम योग
मस्तिष्क के अगले भाग को कपाल कहा जाता है। कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांस को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धकेलने का प्रयास करें। लेकिन ध्यान रहे कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि इस क्रिया में श्वास खुद ही भीतर चली जाती है। यह प्राणायाम का नियमितच अभ्यास करने से न सिर्फ मोटापे की समस्या दूर होती है बल्कि चेहरे की झुर्रियां और आंखों के नीचे का कालापन दूर होता है और चेहरे की चमक बढ़ाता है। इसके अभ्यास से दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभ होता है। शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक भाव और विचार दूर होते हैं।
लोग अपना बढ़ा वजन कम करने के लिए क्या नहीं करते। और भला करें भी क्यों ना, मोटापा न सिर्फ आपके लुक्स को खराब करता है बल्कि तमाम तरह की बीमारियों का कारण भी बनता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे ब्रीदिंग तकनीक हैं, जिनके नियमित अभ्यास से आप मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं। तो चलिये जाने वजन घटाने के लिए किये जाने वाले ब्रीदिंग तकनीक व इन्हें करने की विधी के बारे में।
दरअसल जब हम सांस लेते हैं तो इसके साथ हमारे शरीर के भीतर पहुंचने वाली ऑक्सीजन खून के माध्यम से शरीर की कोशिकाओं को पोषण देती है। ब्रीदिंग का महत्व बर्षों पूर्व से प्राणायाम के रूप में जाना व माना गया है। सही तरह से गहरी सांस लेने और छोड़ने मात्र से ही हमें कई तरह के फायदे होते हैं। जिनमें से एक है मोटापे से मुक्ति।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए पद्मासन में बैठकर, दोनों हाथों से दोनों घुटनों को दबाकर रखें। इससे पूरा शरीर (कमर से ऊपर) सीधा बना रहता है। अब मुंह बंद कर दोनों नासापुटों से पूरक-रेचक झटके के साथ जल्दी-जल्दी करें। आप देखेंगे कि श्वास छोड़ते समय हर झटके से नाभि पर थोड़ा दबाव पड़ता है। इस तरह बार-बार इसे तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि थकान न होने लगे। इसके बाद दाएं हाथ से बाएं नासापुट को बंद कर दाएं से ज्यादा से ज्यादा वायु पूरक के रूप में अंदर भरें। आंतरिक कुम्भक करने के बाद धीरे-धीरे श्वास को छोड़ें। यह एक भास्त्रका कुम्भक होता है।
दोबारा करने के लिए पहले ज्यादा से ज्यादा पूरक-रेचक के झटके, फिर दाएं नासा से पूरक, और फिर कुम्भक और फिर बायीं नासा से रेचक करें। इस प्रकार कम से कम तीन-चार बार कुम्भक का अभ्यास करें। लेकिन हृदय रोग, फेंफडे के रोग और किसी भी प्रकार के अन्य गंभीर रोग होने पर में यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
अनुलोम–विलोम प्रणायाम
अनुलोम–विलोम प्रणायाम में सांस लेने व छोड़ने की विधि को बार-बार दोहराया जाता है। इस प्राणायाम को ‘नाड़ी शोधक प्राणायाम’ भी कहा जाता है। अनुलोम-विलोम को नियमित करने से शरीर की सभी नाड़ियों स्वस्थ व निरोग रहती है। इस प्राणायाम को किसी भी आयु का व्यक्ति कर सकता है। अनुलोम–विलोम प्रणायाम करने के लिए दरी व कंबल बिछाकर उस पर अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करें और नाक के बाएं छिद्र से सांस अंदर भरें और फिर ठीक इसी प्रकार बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से दबा लें। इसके बाद दाहिनी नाक से अंगूठे को हटा दें और सांस को बाहर फैंके। इसके बाद दायीं नासिका से ही सांस अंदर लें और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 तक गिनती कर बाहर फैंकें। इस क्रिया को पहले 3 मिनट और फिर समय के साथ बढ़ाते हुए 10 मिनट तक करें।
इस प्रणायाम को सुबह-सुबह खुली हवा में बैठकर करें।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक पूर्ण व्यायाम है। इसे करने से शरीर के सभी हिस्सों की एक्सर्साइज हो जाती है, साथ ही शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी भी आती है। सुबह के समय खुले में उगते सूरज की ओर मुंह करके सूर्य नमस्कार करने से अधिक लाभ होता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन डी मिलता है। वजन और मोटापा घटाने में भी सूर्य नमस्कार लाभदायक होता है। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं जिनका शरीर पर अलग-अलग तरह से प्रभाव पड़ता है।
इसे करने के लिए सबसे पहले दोनों हाथ जोड़कर सीधे खड़े हों। फिर सांस को भरते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर कानों से सटाते हुए लाएं और शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें। अब सांस को बाहर छोड़ते हुए तथा हाथों को सीधे रखते हुए आगे की ओर झुकें और अपने हाथों को पैरों के दांये-बांये जमीन से छुलाएं। लेकिन ध्यान रखें कि इसे करते समय घुटने सीधे ही रहें। अब सांस भरते हुए सीधे पैर को पीछे ले जाएं और गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाएं। कुछ समय तक इस स्थिति में रुकें और फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए उल्टे पैर को भी पीछे ले जाएं व दोनों पैर की एड़ियों को मिलाकर शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें।
इसके बाद सांस भरते हुए नीचे आएं और फिर लेट जाएं। इसके बाद शरीर के ऊपरी भाग को उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर लाते हुए पूरे शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें व कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रुके रहें। और फिर पीठ को ऊपर उठाएं और सिर को झुका लें और एड़ी को जमीन से लगाएं।
दोबारा चौथी वाली प्रक्रिया को अपनाएं लेकिन इस बार दांएं पैर को आगे लाएं व गर्दन को पीछे की ओर झुकाते हुए स्ट्रेच करें। अब बांये पैर को वापस लाएं और दाएं के बराबर में रखते हुए तीसरी स्थिति में आएं अर्थात घुटनों को सीधे रखते हुए हाथों से पैरों के दाएं-बाएं जमीन से छुलाएं। इसके बाद सांस भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाकर खडे हों और पीछे की ओर स्ट्रेच करते हुए फिर दूसरी स्थित में आ जाएं। और फिर से पहली वाली स्थिति में आएं। शुरुआत में 4 से 5 बार करना शुरु कर धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 12 से 15 बार तक ले जाएं

कार्डियो एक्सरसाइज:

नियमित वॉक या जोगिंग
लड़का हो या लड़की फ्लैट स्टमक की चाहत हर व्यक्ति को होती है। और हो भी क्यों न, फ्लेट बेली न सिर्फ सुंदरता में चार चांद लगाती है, बल्कि आपकी फेवरेट पुरानी जींस और कुर्ते भी इस पर फिट आते हैं। लेकिन आप परेशान हैं कि पेट की चर्बी को कम कैसे करें, तो अब आपको और परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं। कुछ ऐसी कमाल की कार्डियो एक्सरसाइज़ हैं जिन्हें नियमित कर आप, फ्सेट और खूबसूरत कमर पा सकती हैं।
स्वास्थ्य हो या सुंदरता मोटापा हर लिहाज से बुरा होता है। अगर पेट पर ज्यादा चर्बी है तो ये जान लें कि आज हम पेट की चर्बी घटाना कोई मुश्किल काम नहीं है बशर्ते आप सही खान-पान और रेगुलर एक्सरसाइज़ पर ध्यान दें। कार्डियो एक्सरसाइज करके पेट की चर्बी को आधे से भी कम किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए पेट की मसल्स को मजबूत करना भी जरूरी होता है। हाल ही में एक अध्ययन से भी पता चला है कि ऐब्स के लिए साइकलिंग एक्सरसाइज नंबर वन पर है। शोध यह भी बताते हैं कि जमकर कार्डियो ट्रेनिंग करने से अच्छी फीजीक के साथ पेट का फैट भी तेजी से कम होता है। सुबह-सुबह नियमित रूप से सैर करने से 25 प्रतिशत तक कैलोरीज बर्न होती हैं। एक सर्वे के मुताबिक एक्सरसाइज करने से भी इतनी ही कैलोरीज एक सप्ताह में बर्न होती है। वे लोग जो जोगिंग या एक्सरसाइज करते हैं उनकी पेट की चर्बी तीन महीने में बीस प्रतिशत तक कम होती है। पेट जल्दी कम करना है तो रोज 25 से 30 मिनट के लिए वॉक व जोगिंग करें। लगातार गति को तेज न रख सकें तो बीच में थोड़ा ब्रेक लें और फिर बाकी समय को पूरा करें। थोड़ी देर तेजी से चलें और फिर स्पीड कम कर लें। जितना तेजी से वॉक कर स कते हैं, करें। ट्रेडमील पर भी आप ऐसा ही कर सकते हैं। आप वॉक करते समय आईपॉड से धीमी आवाज में संगीत भी सुन सकते हैं, इससे आपको गति और साहस मिलते हैं। हर अगले गाने के साथ कदमों की रफ्तार बढ़ाते जाएं। एक बार आदत हो जाने के बाद आप खुद एक भी दिन वॉक करे बिना रह नहीं पाएंगे।
बॉल एक्सरसाइज
एक्सरसाइज बॉल देखने में थोड़ी फनी लगती है, और उतना ही इस पर एक्सरसाइज करने वाले लोग। लेकिन यह बड़े काम की चीज है। यह एक्सरसाइज बेली को कम करने में बहुत मददगार होती है। इसे करने के लिए जमीन पर पीठ के बल पर सीधा लेट जाए। अब एक्सरसाइज वाली बॉल को हाथों में लेकर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। इसके बाद अपने हाथों की बॉल को अपने पैरों में पकड़ाएं और फिर पैरों को नीचे ले जाकर दुबारा बॉल को लेकर ऊपर आएं। इसी प्रकार पैरों से जो बॉल उठाई गई है उसे दुबारा हाथों में पकाड़ाएं। इस प्रक्रिया को लगातार 12 से 15 बार करें।
क्लासिक एक्सरसाइज
पेट की मसल्स को टोन करने के लिए स्टेबिलिटी बॉल एक्सरसाइज करें। इसे करने के लिए बॉल पर कमर के ऊपर वाले भाग को टिका लें। हाथ और कोहनी से टिके रहने के लिए सपोर्ट बनाए रखें। अब पैर की अंगुलियों को थोड़ा खींचे और कमर से नीचे वाले भाग को जमीन की तरफ ले जाएं। शरीर को को इस आकार में लाएं कि शरीर सिर से लेकर एड़ी तक लाइन में आ जाए। इस स्थिति में तीस से साठ सेकंड तक बनी रहें। अब इस एक्सरसाइज को दायीं और बाई तरफ भी दोहराएं।
क्रंच एक्सरसाइज
फ्लेट बेली के लिए क्रंच भी कमाल की एक्सरसाइज होती है। लेकिन इसे सबसे बाद में करें। सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान दें इसके बाद कार्डियो, मसल्स बिल्डिंग और उसके बाद एब्स एक्सरसाइज। इस क्रम को अपनाकर आसानी से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ आपको कार्डियो एक्सरसाइज ज़रूर करनी चाहिये। साथ ही ज्यादातर जिम में कैप्टन्स चेयर होती है। इसका इस्तेमाल करें। रोज 12-16 रिपीटेशन के 1-3 सेट करें। बहुत जल्द असर नजर आने लगेगा।
खान-पान का संतुलन और पूरी नींद
पेट की चर्बी को सिर्फ एक्सरसाइज से ही कम नहीं किया जा सकता। यदि आप खूब जंकफूड खाते हैं या फिर आपको तला खाना बहुत पसंद है तो जनाब अगर आपको पेट कम करना है तो अब इनसे परहेज करना शुरू कर दें। खाने में खासतौर पर सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खांए। रोजाना कुछ भी बादाम खाएं। शोध बताते हैं कि रोजाना बादाम खाने से कमर 24 सप्ताह में लगभग साढ़े छह इंच तक कम हो सकती है। साछ ही दिनभर में कम से कम 2000 कैलोरी जरूर ले। इसके साथ पूरी नींद लेना भी जरूरी होता है। सोने के मामले में लापरवाही से तनाव पैदा करने में सहायक हार्मोन्स अधिक बनते हैं और पेट पर चर्बी भी बढ़ती है। रात में 6 से 7 घंटे सोने वाले लोगों में पेट की चर्बी कम होती है। इससे ज्यादा या कम नींद लेने वाले लोगों में अक्सर तोंद की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
 

निष्कर्ष

स्वस्थ जीवनशैली अपनाना कोई जादू नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतों का सकारात्मक परिणाम होता है। वजन घटाना सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि अपने शरीर, मन और आत्मा का ध्यान रखने की प्रक्रिया है। प्राणायाम जैसे कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम न केवल शरीर को भीतर से मज़बूत करते हैं, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा भी देते हैं। सूर्य नमस्कार पूरे शरीर के लिए एक आदर्श व्यायाम है, जो वजन घटाने के साथ-साथ लचीलापन और स्फूर्ति लाता है। वहीं, कार्डियो एक्सरसाइज, जैसे चलना, दौड़ना और बॉल एक्सरसाइज, पेट की चर्बी को कम करने में कारगर हैं।

लेकिन सिर्फ एक्सरसाइज ही काफी नहीं है — सही खानपान, भरपूर नींद, और तनाव से दूरी भी उतने ही ज़रूरी हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आपको किसी महंगे जिम या डाइट प्लान की जरूरत नहीं है। सिर्फ नियमितता, संयम और अपने स्वास्थ्य के प्रति ईमानदारी चाहिए।

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