andkosh ke rog in hindi : अंडकोष (Testicles) पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शुक्राणु उत्पादन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन निर्माण का कार्य करता है। अंडकोष से संबंधित रोग पुरुषों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इन रोगों में प्रमुख हैं – अंडकोष की सूजन (Orchitis), जो वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है; एपिडिडाइमाइटिस, जिसमें शुक्राणु-वाहिनी नलिका में सूजन आती है; हाइड्रोसील, जिसमें अंडकोष के चारों ओर तरल भर जाता है; और वेरिकोसील, जिसमें नसों की सूजन होती है। इसके अलावा, अंडकोष का कैंसर भी एक गंभीर रोग है, जो विशेष रूप से युवाओं में पाया जाता है।
इन रोगों के सामान्य लक्षणों में अंडकोष में दर्द, सूजन, भारीपन, लालिमा, या गांठ शामिल हैं। समय रहते चिकित्सकीय जांच और इलाज न होने पर ये रोग प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुँचा सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली, साफ-सफाई और नियमित हेल्थ चेकअप से इन रोगों से बचाव संभव है।
अण्डकोष के रोग:अण्डकोष के रोग क्या है/चिकित्सा |
अण्डकोष के रोग: चिकित्सा : 1. रेहान : 10 ग्राम रेहान के बीजों को पानी में पीसकर थोड़ा गर्म करके अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष का बढ़ना रुक जाता है। 2. जीरा : 10-10 ग्राम जीरा और अजवायन पानी में पीसकर थोड़ा गर्मकर अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष का बढ़ना रुक जाता है। 3. रोगन कमीला : रोगन कमीला के अण्डकोष पर मालिश करने से अण्डकोष की खारिस सही हो जाती है। 4. शराब : 60 मिलीलीटर शराब में पीसा हुआ नौसादर मिलाकर रूई में भिगोकर दिन में अण्डकोष पर 3-4 बार लगाने से सूजन सही हो जाती है। 5. बर्शाशा : 2 ग्राम बर्शाशा पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से अण्डकोष की सूजन कम हो जाती है। 6. हल्दी : 2-6 ग्राम हल्दी पिसी को अण्डों की जर्दी में मिलाकर थोड़ा गर्म कर अण्डकोष पर लेप करने, ऊपर से एरण्ड के पत्ते को बांधने से चोट लगे अण्डकोष ठीक हो जाता है। 7. माजूफल : 12 ग्राम माजूफल 6 ग्राम फिटकरी को पानी में पीसकर अण्डकोष पर 15 दिन लेप करने से अण्डकोष में भरा पानी सही हो जाता है। 8. छोटी हरड़ : 10-10 ग्राम छोटी हरड़, रसौत को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से अण्डकोषों की खारिस और जख्म समाप्त हो जाता हैं। 9. दूध : 1 गिलास मीठे गर्म दूध में 25 मिलीलीटर एरण्ड का तेल मिलाकर पीने से अण्डकोष की बीमारी में लाभ होता है। 10. तंबाकू : तंबाकू के ताजे पत्ते हल्का गर्म करके अण्डकोषों पर बांधकर ऊपर से लंगोट पहन लें, ताकि पत्ता अपनी जगह चिपका रहे। कुछ देर बाद जब लंगोट भीग जायें, ऐसा होने पर लंगोट बदल दें, और दूसरा लंगोट पहन लें। सुबह अण्डकोष में हल्के-हल्के दाने छेद से हो जाते है। यदि ऐसा हो जाए तो उन पर मक्खन लगा दें। कुछ दिन तक सोने से पहले यह प्रयोग करें तथा उठने पर पत्ता खोल दें इससे आराम मिलता है। |
अण्डकोष की खुजली:अंडकोष की खुजली कैसे दूर करें |
अण्डकोष की खुजली: परिचय : मनुष्य जननांगों को अपने शरीर का सबसे गन्दा हिस्सा समझता है। इस वजह से वह जननांगों की साफ सफाई की ओर खासतौर पर ध्यान नहीं रखता है जिसके कारण वह कई यौन रोगों से पीड़ित हो जाता है। जननांगों के रोग में एक रोग है अण्डकोष की खुजली। यह अण्डकोष में साफ सफाई न रखने के कारण उत्पन्न होता है। इसमें अण्डकोषों पर मैल की एक मोटी परत जम जाती है जो खुजली और खुश्की का रूप ले लेती है। कारण : यह रोग अस्वच्छता के कारण अण्डकोषों में मैल जमा हो जाने के कारण, पसीना लगने पर खुजली मचती है। जिसके कारण उस स्थान पर फोडें-फुंसी हो जाते है। और उनसे पीब बहने लगता है। विभिन्न औषधियों से उपचार-1. नीम : नीम के तेल को रोजाना लगाने से अण्डकोष में खुजली नहीं होती है।नीम का तेल और तिल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से अण्डकोष की खुजली रुकती है। नीम के पत्ते के काढ़े से अण्डकोष को धोने से अण्डकोष की खुजली मिट जाती है। 2. कालीमिर्च : अण्डकोष में काण्ड जैसी मैल जम जाने पर कालीमिर्च को दही के साथ घिसकर या अच्छी तरह पीसकर लगाने से मैल छूट जाती है। 3. प्याज : प्याज का रस सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से खुजली और अन्य प्रकार की खुजली मिट जाती है। 4. सुहागा : 100 मिलीलीटर पानी में 4 ग्राम सुहागा घोलकर रोजाना 2-3 बार अण्डकोष को धोने से कण्डू नहीं जमते और खुजली मिट जाती है। 5. छरीला : छरीला से निर्मित तेल से अण्डकोष की खुजली से आराम मिलता है। 6. नागरमोथा : नागरमोथा को पीसकर अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष की खुजली में लाभ होता है। 7. गिलोय : गिलोय के रस को गुग्गल के साथ या कड़वी नीम के साथ या हरिद्रा, खदिर और आंवले के काढ़े के साथ रोजाना 3 मात्रा में सेवन करने से अण्डकोष की खुजली मिट जाती है। 8. कनेर : सफेद या लाल फूल वाली कनेर की जड़ को तेल में सिद्ध कर तेल लगाने से कण्डु, खुजली फोडे़, फुंसी, सभी मिट जाते है। 9. पानी : अण्डकोष की सूजन पर गर्म पानी से सिंकाई करने से सूजन दूर हो जाती है। |
अण्डकोष की सूजन:अंडकोष की सूजन का इलाज |
अण्डकोष की सूजन: 10 ग्राम बच और 10 ग्राम सरसों को पानी के साथ पीसकर रोजाना अण्डकोष पर लेप करने से सूजन मिट जाती है। करंज की मींगी को एंरड के तेल में घोटकर उसे तंबाकू के पत्ते पर लपेटकर अण्डकोषों पर लेप करने से अण्डकोष की सूजन समाप्त हो जाती है। बैंगन की जड़ को पानी में मिलाकर अण्डकोषों पर कुछ दिनों तक लेप करने से अण्डकोषों की सूजन और वृद्धि में लाभ होता है। पलाश की छाल का चूर्ण बनाकर 5 ग्राम पानी के साथ सेवन करने से अण्डकोषों की वृद्धि में लाभ होता है। 2 ग्राम की मात्रा में गुड़मार के पत्तों का रस शहद में मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से अण्डवृद्धि यानी अण्डकोष का बढ़ना समाप्त हो जाता है। 10-10 बिनौले और सोंठ को लेकर कूट-पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर हल्का-सा सेंकने अण्डकोषों पर बांधने से लाभ होता है। |
निष्कर्ष – अंडकोष की सूजन का इलाज
अंडकोष की सूजन एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है, जिसका समय पर इलाज करना आवश्यक होता है। इसका प्रमुख कारण वायरस (जैसे मम्प्स) या बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है।