shighrapatan ka ilaj kaise kare in hindi: शीघ्र स्खलन (Premature Ejaculation) पुरुषों में होने वाली एक आम यौन समस्या है, जिसमें संभोग के दौरान पुरुष बहुत जल्दी स्खलित हो जाता है, जिससे यौन संतुष्टि में कमी आती है। इसके मुख्य कारणों में मानसिक तनाव, आत्मविश्वास की कमी, अत्यधिक उत्तेजना, अधिक हस्तमैथुन, रिश्तों में तनाव, हार्मोनल असंतुलन, और अनियमित जीवनशैली शामिल हैं। कई बार यह समस्या अस्थायी होती है लेकिन लंबे समय तक बनी रहने पर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और आत्मसम्मान पर नकारात्मक असर डाल सकती है।
शीघ्रपतन / shighrapatan ka ilaj kya hai |
शीघ्रपतन: परिचय : बिना सन्तुष्टी के संभोग करते हुए अगर वीर्य स्खलन हो जाये तो उसे शीघ्रपतन कहा जाता है। कारण : अश्लील वातावरण में रहना, मस्तिष्क की कमजोरी और हर समय सहवास की कल्पना मे खोये रहना यह शीघ्रपतन का कारण बनती है। ज्यादा गर्म मिर्च मसालों व अम्ल रसों से खाद्य-पदार्थो का सेवन करने, शराब पीने, चाय-कांफी का ज्यादा पीना और अश्लील फिल्म देखने वाले, अश्लील पुस्तकें पढ़ने वाले शीघ्रपतन से पीडित रहते हैं। लक्षण : वीर्य का पतलापन, सहवास के समय स्तंभन (सहवास) शक्ति का अभाव अथवा शीघ्रपतन हो जाना वीर्य का जल्दी निकल जाना। |
भोजन तथा परहेज :
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भोजन तथा परहेज : दिन में खाने के साथ दूध लें, मौसमी फल, बादाम, प्याज और लहसुन का प्रयोग करें। दवा के साथ गुड़, मिर्च, तेल, खटाई, मैथुन, और कब्ज पैदा करने वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिएं पत्नी के साथ सहवास के साथ करते समय यह ध्यान रखें कि वाद-विवाद की उलझनों से दूर रहें। |
विभिन्न औषधियों से उपचार-
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विभिन्न औषधियों से उपचार- 1. छोटी माई : छोटी माई का चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है। 2. बरगद : बरगद के दूध की 20 से 30 बूंदे बतासे या चीनी पर डालकर रोज सवेरे खाने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर होती है। 3 ग्राम बरगद के पेड़ की कोपलें, 3 ग्राम गूलर के पेड़ की छाल और 6 ग्राम मिश्री सिल पर पीसकर लुगदी बना लें, इसे खाकर ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पीयें, इसे 40 दिन तक खाने से लाभ मिलता है। बरगद के कच्चे फलों को छाया में सुखाकर पीसकर रख लें। 10 ग्राम को खुराक के रूप में सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से स्वप्नदोष और शीघ्रपतन मिट जाता है। सूर्योदय से पहले बरगद के पत्ते तोड़कर टपकने वाले दूध को एक बताशे में 3-4 बूंद टपकाकर खा लें। एक बार में ऐसा प्रयोग 2-3 बताशे खाकर पूरा करें। हर हफ्ते 2-2 बूंद की मात्रा बढ़ाते हुए 5-6 हफ्ते तक प्रयोग जारी रखें। इसके नियमित सेवन से शीध्रपतन (वीर्य का जल्दी निकल जाना), बलवीर्य वृद्धि के लिए, वीर्य का पतलापन, स्वप्नदोष, प्रमेह (वीर्य दोष) और खूनी बवासीर आदि सभी रोग ठीक हो जाता है। 3. गिलोय : गिलोय का चूर्ण और वंशलोचन को बराबर मिला-पीसकर 2 ग्राम के रूप में खाने से शीघ्रपतन नहीं होता है। 4. कुलिंजन : लगभग डेढ़ ग्राम कुलिंजन का चूर्ण 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाटें, ऊपर से गाय के दूध में शहद मिलाकर पी लें इससे शीघ्रपतन नहीं होता है। 5. पीपल : पीपल के पेड़ का फल, जड़, छाल और कोंपल को पीसकर दूध में अच्छी तरह उबाल कर गर्म-गर्म शहद और चीनी मिला कर सुबह-शाम खाने से लाभ होता है। 6. सिरस : सिरस के फूलों का रस 10 मिलीलीटर या 20 मिलीलीटर सुबह-शाम मिश्री मिले दूध के साथ लेने से वीर्य स्तंभन होता है। 7. बबूल : बबूल की फली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम चीनी मिलाकर खाने से शीघ्रपतन में लाभ होता है। 8. पिण्ड खजूर : पिण्ड खजूर के 5 फल रोज खायें और ऊपर से मिश्री मिला दूध कम से कम 250 मिलीलीटर रोज पियें तो इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है। 9. कतीरा गोंद : कतीरा गोंद 1 से 2 चम्मच चूर्ण रात में सोते समय पानी में भिगो दें। सवेरे मिश्री या शक्कर को मिलाकर शर्बत की तरह रोज घोंटकर खाने से वीर्य की मात्रा, गढ़ापान और स्तम्भन शक्ति की वृद्धि होती है। 10. असगन्ध नागौरी : असगन्ध नागौरी का चूर्ण 1 चम्मच और 3 कालीमिर्च के चूर्ण को मिलाकर रोज रात को सोते समय खाने से शीघ्रपतन और वीर्य सम्बन्धी सारे रोग दूर होते हैं। 11. उड़द : अंकुरित उड़द की दाल में मिश्री या शक्कर को डालकर कम से कम 58 ग्राम की मात्रा में रोज खाने से शीघ्रपतन दूर होता है। उड़द के बेसन को घी में हल्का भूनकर रख लें। लगभग 50 ग्राम रोज मिश्री मिले दूध को उबालकर रोज रात में सेवन करने से वीर्य और नपुंसकता (नामर्दी) से सम्बन्धी रोग दूर हो जाते हैं। 12. शकरकन्द : सूखी शकरकन्द को कूट छानकर चूर्ण तैयार करें, फिर उसे घी और चीनी की चाशनी में डालकर हलवा तैयार करके इस हलवे को खाने से वीर्य गाढ़ा होता है। 13. कौंच : कौंच के बीजों की गिरी का चूर्ण और खसखस के बीजों का चूर्ण 4 या 6 ग्राम लेकर चूर्ण को फांट या घोल के रूप में सेवन करने से शीघ्रपतन में लाभ होता है। कौंच के बीज का चूर्ण, तालमखाना और मिसरी, तीनों बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीस कर चूर्ण बनाकर सुबह-शाम 3-3 ग्राम चूर्ण खाकर, ऊपर से दूध पीना शीघ्रपतन में लाभदायक होता है। कौंच की जड़ लगभग 1 अंगुल लम्बी मुंह में दबाकर सहवास करने से शीघ्रपतन में लाभ होता है। 14. वंशलोचन : वंशलोचन, सतगिलोय 10-10 ग्राम पीसकर 1-1 ग्राम सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन में आराम मिलता है। 15. बहुफली : बहुफली 50 ग्राम पीसकर 5 ग्राम सुबह पानी से प्रयोग करें। 16. काले तिल : काले तिल 50 ग्राम अजवायन 25 ग्राम पीसकर इसमें 75 ग्राम खांड को मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है। 17. ब्रह्मदण्डी : ब्रह्मदण्डी, बहुफली 50-50 ग्राम कूट छानकर इसमें 100 ग्राम खांड को मिलाकर 10 ग्राम को खुराक के रूप में सुबह पानी के साथ सेवन करें। ब्रह्मदण्डी, बहुफली, बीजबन्द, पलंग तोड 50-50 ग्राम कूट छान कर इस में 100 ग्राम खांड़ मिलाकर 10-10 ग्राम को दिन में सुबह-शाम दूध या पानी के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन के रोगी को लाभ होगा। 18. बिदारीकन्द : बिदारीकन्द, गोखरूदेसी 50-50 ग्राम कूटछानकर 5-5 ग्राम खांड़ को मिलाकर दूध के साथ सुबह और शाम सेवन करें। 19. लाजवन्ती : लाजवन्ती के बीज 75 ग्राम पीस कर इसमें 75 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम को सुबह-शाम खांड मिले कम गर्म दूध के साथ लें। 20. मूसली सिम्बल : मूसली सिम्बल 60 ग्राम कूटी छनी में खांड 60 ग्राम मिलाकर 6-6 ग्राम पानी या दूध से सुबह-शाम लें। |
स्वप्नदोष: kya shighrapatan ka ilaj hai
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स्वप्नदोष: परिचय : रात के समय सोते हुए अपने आप या अश्लील स्वप्न देखते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है। कारण : फिल्मों में अश्लील दृश्यों को देखना, स्कूल कॉलजों मे लड़के- लड़कियों का खुले मे घूमना, नवयुवकों के सर में हमेशा कामवासना का ध्यान रहना, लड़कियों के बारे ज्यादा सोचना, उनके अंगों को कामुक नजरों से देखना, अधिक मैथुन करना, किसी लड़की के स्पर्श करने पर सोचना, सहवास में खोये रहना मसालेदार भोजन खाने, चाय, शराब व रात को गर्म दूध पीना ही स्वप्नदोष का कारण बनता हो सकता है। |
हार्मोन के बढ़ने पर वीर्य ज्यादा / shighrapatan ka ilaj ayurvedic |
कभी-कभी यह कारण न होकर इसका उलटा होता है। जैसे हार्मोन के बढ़ने पर वीर्य ज्यादा बनने लगते हैं। इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है और वीर्य अपने आप रात में या जरा सी गर्मी होते ही बाहर निकल पड़ता है। इसमें रोगी का कोई दोष नहीं होता है। स्वप्नदोष अगर महीने या साल में होता है तो डरने की कोई बात नहीं मगर रोज या हफ्ते में हो तो इसका उपचार जल्द से जल्द कराना चाहिए नहीं तो रोगी नपुंसक भी बन सकता है। |
लक्षण : इस रोग से ग्रस्त रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है। चेहरे की चमक खत्म हो जाती है। रात मे सोते समय ही वीर्य निकल जाता है। भूख की कमी, बैचेनी, बुखार, हाथ-पैरों के तलवे में जलन, वीर्य का पतला पन, आलस्य, कमर में दर्द, स्वरभंग, नजर का कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देने लगता है। भोजन तथा परहेज : शिश्न को रोज सुबह के समय 10 मिनट तक ठंड़े पानी की धार से धोयें। मानसिक शान्ति तथा सुबह-शाम टहलना भी जरूरी है। रोज व्यायाम करें तथा त्रिफला चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से खाना खाने के बाद लें। |
गर्म पदार्थ, रात को सोने से पूर्व गर्म दूध, गुड़, सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें और पेट में कब्ज न बनने दें। |
चिकित्सा : 1. मुलहठी : मुलहठी के चूर्ण को मक्खन और शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है। मुलहठी के चूर्ण में 2 ग्राम की मात्रा में शहद और घी मिलाकर खाने से स्वप्नदोष की बीमारी खत्म हो जाती है। 2. बबूल : बबूल की गोंद 10 ग्राम मात्रा में रात को 100 मिलीलीटर पानी में डालकर रख दें। सुबह उठने पर गोंद को थोड़ा-सा मसलकर पानी में छानकर मिश्री मिलाकर पीने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है। बबूल की फली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम चीनी में मिलाकर सुबह-शाम खाने से लाभ मिलता है। 3. चोपचीनी : चोपचीनी का पिसा हुआ चूर्ण 10 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम और घी 10 ग्राम मिलाकर 7 दिनों तक खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है। 4. बादाम : बादाम के एक बीज की गिरी, 3 ग्राम मिसरी, 3 ग्राम घी और 3 ग्राम गिलोय का चूर्ण इन सबको 6 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर 7 दिनों तक दिन मे सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है। बादाम और काली मिर्च की फीकी शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष में लाभ होता है। 5. त्रिफला : त्रिफले का चूर्ण और शहद दोनों को मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है। त्रिफला का चूर्ण 4-6 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है। त्रिफला 12 ग्राम, गुड़ 24 ग्राम, वच और भीमसेनी कर्पूर 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर सबको पानी के साथ मिलाकर छोटी-छोटी एक समान गोली बना लें, 1 से 2 गोलीयों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष व शीघ्रपतन दूर हो जायेगा। 6. आंवला : आंवले का चूर्ण 6 ग्राम और मिसरी का चूर्ण 6 ग्राम मिलाकर रोज खाने से कुछ हफ्ते में स्वप्नदोष खत्म होता है। 7. शतावर : शतावर, मूसली, विदारीकन्द, असगंध, गोखरू या इलायची के बीज इनमें से 2-3 वनौशधि को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पीसकर रख लें, और मिश्री को मिलाकर 3 ग्राम पानी के साथ पीने से लाभ होता है। शतावरी, असगंध, विधारा 20-20 ग्राम कूटकर छानकर रख लें, इसमें 60 ग्राम खांड़ मिलाकर 10-20 ग्राम की मात्रा में दिन सुबह-शाम दूध के साथ लें। शतावर के रस को शहद मे मिलाकर पीने सुबह-शाम से स्वप्नदोष दूर होता है। 8. हरड़ : हरड़ का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद 10 ग्राम में लेकर में मिलाकर रोज खायें इससे कुछ दिनों में स्वप्नदोष का रोग खत्म हो जाता है। हरड़ का मुरब्बा खाकर हल्का गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होती है। 9. खादिर (कत्था) : खादिर (कत्था) सार 1 ग्राम, ठंड़े पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है। 10. गिलोय : गिलोय, गोक्षुर और आंवला तीनों को बराबर मात्रा में कूट पीसकर 1 चम्मच चूर्ण को खाकर पानी को पीने से स्वप्नदोष खत्म होता है। 11. गुलाब : गुलाब के फूल और छोटी दूधी का चूर्ण बराबर मिश्री मिलाकर पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष के दोष को खत्म करता है। गुलाब के 4-5 फूल तोड़कर उन्हे साफ पानी से धोयें और पंखुड़ियां अलग करके उनमें उतनी ही मिश्री का चूर्ण मिला कर सुबह-शाम खाकर और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक कर सकते हैं। गुलाब का शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष पर लाभ मिलता है। 12. गुलकन्द : गुलकन्द 5-10 ग्राम की मात्रा मे रोजाना सुबह-शाम मिश्री मिले दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है। 13. बड़ी गोक्षुर : बड़े गोक्षुर के चूर्ण में घी मिलाकर रोज खाने से स्वप्नदोष दूर होता है। 14. गोक्षुर : गोक्षुर, आंवला और हरड़ का चूर्ण मिश्री के साथ खाने से स्वप्नदोष का रोग दूर होता है। 15. धनिया : 2 ग्राम धनिये को पीसकर उसमें 3 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक पानी के साथ पीने से स्वप्नदोष का रोग खत्म होता है। सूखे धनिये तथा मिश्री को बराबर मात्रा में कूटकर चूर्ण बना लें और किसी ढक्कनदार बर्तन में भरकर रख दें। इस चूर्ण में से 5-6 ग्राम के लगभग, ताजा जल के साथ सुबह-शाम कुछ दिनों तक लेने से अनैच्छिक वीर्यपात, स्वप्दोष आदि विकारों से मुक्ति मिल जाती है। सूखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई चीनी मिला लें। सुबह खाली पेट बासी पानी से 1 चम्मच की फंकी लें और 1 घण्टे तक कुछ न खायें, पीयें। इसी तरह 1-1 खुराक शाम को 5 बजे सुबह के पानी के साथ लें। अगर कब्ज हो तो रात को सोने के समय 2 चम्मच ईसबगोल की भूसी गरम दूध से लें। इससे स्वप्नदोष की बीमारी दूर हो जाती है। धनियां, नीलोफर, कुर्फा के बीज, काहू के बीज,कासनी के बीज और शीतलचीनी 20-20 ग्राम, अलसी के दाने 100 ग्राम और ईसबगोल 25 ग्राम की मात्रा में सबको कूट कर छान लें। फिर इस चूर्ण से 2-3 ग्राम की मात्रा मे लेकर बराबर भाग में मिश्री को मिलाकर पानी के साथ सुबह-शाम लें। 16. जामुन : 4 जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है। जामुन की गुठलियों का चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण रोज सुबह-शाम पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष की बीमारी दूर होती है। 17. केला : रोज 2 केले काटकर थोड़ा सा शहद मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में लाभ मिलता है। 2 केले खाकर ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पीयें यह 3 महीने तक करते रहने से शीघ्रपतन में लाभ होगा। 18. नकछिकनी : नकछिकनी, सौंठ, बायबिण्डग 10-10 ग्राम कूट छानकर उसमें 30 ग्राम खांड़ को मिलाकर 5 ग्राम की मात्रा को खुराक के रूप में सुबह खाली पेट कच्चे दूध के साथ खाने से लाभ होता है। 19. तुलसी : तुलसी के बीज को सुबह-शाम पानी से लाभ होता है। ध्यान रहें कि रात को गरम दूध न पीयें। तुलसी की जड़ का काढ़ा 4-5 चम्मच की मात्रा में सोने से पहले नियमित रूप से कुछ हफ्ते तक पीना चाहिए। इससे स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाता है। 20. असगंध : असगंध, विदारीकन्द 25-25 ग्राम कूटकर छान लें और 50 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी से सेवन करने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है। 21. असरोल : असरोल, धनियां 10-10 ग्राम पीसकर 1 ग्राम सोते समय रात को पानी के साथ सेवन करें। 22. अजवायन : खुरासानी अजवायन के साथ लगभग आधे ग्राम कपूर की गोली मिलाकर रात को सोने से पहले खाने से स्वप्नदोष में लाभ होता है। 23. बड़ी गोखरू : बड़ी गोखरू की फांट या घोल को सुबह-शाम प्रयोग करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है। बड़ी गोखरू के फल का 25 ग्राम चूर्ण 250 मिलीलीटर उबलते पानी में डालकर छोड़ दें। 1 घंटे बाद छान लें। इसमें से थोड़ा-सा बार-बार पिलाने से स्वप्नदोष दूर होता है। शक्कर और घी बड़ी गोखरू के साथ खायें और ऊपर से दूध पी लें इससे भी स्वप्नदोष में लाभ होता है। 24. समुद्रशोष : 3 से 6 ग्राम समुद्रशोष के बीजों को पानी में भिगों कर उससे बने लुआवदार घोल में मिश्री मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से वीर्य का स्तम्भन होता है। 25. कपूर : लगभग एक ग्राम के चौथे भाग कपूर की गोली खुरासानी अजवायन के साथ सोने से पहले रोज रात में खाने से स्वप्नदोष में जरूर लाभ होगा। लगभग एक ग्राम का चौथा भाग कपूर और एक चम्मच चीनी दोनों पीसकर रोज सोते हुए फंकी लेने से स्वप्नदोष होना बन्द हो जाता है। 26. लहसुन : रात को सोने से पहले हाथ, पैर और मुंह को धोकर पोछ लें फिर लहसुन की 1 कली मुंह में चबा-चबाकर खाने से स्वप्नदोष के रोग में लाभ मिलता है। 27. प्याज : 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 8 मिलीलीटर अदरक का रस, शहद 5 ग्राम और घी 3 ग्राम मिलाकर रात को सोने से पहले पिलाने से स्वप्नदोष नहीं होता है। 28. पीपलामूल : पीपलामूल 30 ग्राम और गुड़ 40 ग्राम को मिलाकर 1-1 ग्राम की गोली बनाकर सेवन करने से स्वप्नदोष नहीं होता है और नीन्द अच्छी आती है। 29. अमरबेल : अमरबेल का रस मिश्री मिलाकर पीने से स्वप्नदोष में फायदा होता है। 30. फिटकरी : फिटकरी की 50 ग्राम चिकनी-सी डली रात में सोने से पहले पेडु यानी नाभि पर रख लें इससे रात में स्वप्नदोष नहीं होगा। |